अब अमरनाथ नंबूदरी होंगे Baadrinath भगवान के अर्चक, संभाला प्रभारी मुख्य पुजारी रावल का दायित्व

अब अमरनाथ नंबूदरी होंगे Baadrinath भगवान के अर्चक, संभाला प्रभारी मुख्य पुजारी रावल का दायित्व

Badrinath Dham Rawal

Badrinath Dham Rawal

Badrinath Dham Rawal: बदरीनाथ धाम में नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी अब मुख्य पुजारी होंगे। शनिवार को उनका तिलपात्र हुआ था। जिसके बाद आज उन्होंने धाम में स्थित पंचधाराओं में जाकर वहां के जल से स्नान किया। इसके बाद वह मंदिर पंहुचे और मंदिर परिसर में स्थित हवन कुंड में हवन किया। फिर तप्त कुंड में स्नान के बाद उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया।

यहां पहले से मौजूद निवर्तमान रावल के साथ बाल भोग व आरती करने के बाद दोनों रावल स्वर्ण छड़ी के साथ रावल निवास में पंहुचे। अब से मंदिर में होने वाली समस्त पूजाएं नए रावल अमरनाथ ही करेंगे।

ढाई सौ साल से चली आ रही बदरीनाथ में रावल परंपरा

बदरीनाथ धाम में रावल परंपरा करीब 250 सालों से चली आ रही है। तब से यह परंपरा निर्बाध रूप से चल रही है। दक्षिण भारत के नंबूदरी ब्राह्मण ही मंदिर के रावल नियुक्त किए जाते हैं। बदरीनाथ धाम में मुख्य पुजारी को रावल कहा जाता है। बदरीनाथ के मुख्य पुजारी को यह उपाधि टिहरी नरेश प्रदीप शाह ने दी थी। सन 1776 में टिहरी के राजा प्रदीप शाह बदरीनाथ के प्रवास पर आए थे। उन्हें पता चला कि बदरीनाथ के मुख्य पुजारी जो उस समय के शंकराचार्य हुआ करते थे वे ब्रह्मलीन हो गए हैं, जिससे मंदिर में नियमित पूजा नहीं हो पा रही है।

मंदिर में नियमित पूजा चलती रहे और उसमें कोई व्यवधान न हो इसके लिए उन्होंने व्यवस्था बनाने की जरूरत थी। उन्होंने गोपाल नंबूदरी को बदरीनाथ धाम का प्रथम रावल नियुक्त किया। जिसके बाद से धाम में रावल परंपरा शुरू हो गई। पहले यह व्यवस्था राजपरिवार के पास थी, बाद में बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के माध्यम से रावल की तैनाती की जाने लगी।